देश में पहली बार बाघ, चीते सहित अन्य वन्यप्राणियों को रेलवे ट्रैक पर जाने से रोकने और उनके एक से दूसरी ओर आवागमन के लिए पटरियों के उपर पहाड़ियों के बीच चार एनिमल ओवरपास बन रहे हैं ।
यह ओवरपास हबीबगंज से इटारसी के बीच बिछाई जा रही तिसरी रेल लाइन के बुदनी-बरखेडा सेक्शन में बन रहे हैं । हबीबगंज बरखेडा और बुदनी इटारसी सेक्शन का काम पूरा हो गया है । तीसरे सेक्शन बुदनी-बरखेडा में काम चल रहा है ।
इस काम को देख रहे रेल विकास निगम द्वारा इनका डिजाइन और जगह निर्धारित कर ली गई है । डीआरएम उदय बोरवणकर का कहना है कि पहाडो के उपर से वन्यप्राणियों को एक से दूसरी ओर जाने के लिए पहली बार इस तरह की प्लानिंग की जा रही हैं ।
फिलहाल 2650 किमी के 4 ओवरपास बनेंगे जिसमें...
० बुदनी-मिरघाट के बिच । ० चौका-मिडघाट के बिच । ० चौका-बरखेडा के बीच । ० एक ओर चौका-मिडघाट के बिच ।
इसमें 5 टनल होगी । जिसमें 13 बड़े ब्रीज का निर्माण किया जा रहा है । 54 छोटे ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है । 6 डैम का निर्माण पूरा हो गया है । 22 स्थानों पर अंडरपास का निर्माण
बता दे कि राष्ट्रीय राजमार्ग ने भी बडे पुलों के अंडरपास का कार्य किया है, जिससे एक ओर से दूसरी ओर प्राणियों को जाने में आसानी हो । भारत में हर साल कई प्राणियों की ट्रेनों व वाहनों के चपेट में आने से मौतें हो चुकी हैं ।
इनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भविष्य के प्रोजेक्ट अंडरपास व ओवरपास पर आधारित बना रहे है, और अंडरपास के पास कैमरे भी लगाए जा रहे हैं ताकि पता चले जंगली प्राणी इनका इस्तेमाल कितनी बार करते हैं ।
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