आज आरक्षण हर क्षेत्र में फैल रहा है ,राजनीतिज्ञों के दृष्टिकोण का वोटबैंक बन गया है....
आज कुछ वर्षों पहले संविधान लिखा गया था और अमेरिका से कॉपी-पेस्ट किया गया था ।भले ही अमेरिका ने स्वयं के देश में लागू नहीं किया ।लेकिन भारत ने मात्र 10 वर्ष का कहकर लागू कर दिया...
प्रश्न उठता है कि जाति आधारित आरक्षण किस देश में है....?
1)नेपाल
2)श्री लंका
3)पाकिस्तान
4)भारत
5)म्यांमार, भूटान, चीन, अफगानिस्तान, बांग्लादेश
इतने पड़ोसी है ,लेकिन जाति आधारित आरक्षण भारत में ही क्यों ..??और कब तक.?जब तक राजनीति रहेगी तब तक...!!
हाल ही में अमित शाह जी ने बंगाल में 33% महिलाओं के आरक्षण की बात कही है ।ताकि हर सरकारी नौकरी में उन्हें 33 प्रतिशत आरक्षण मिले ।यह तो ठीक है लेकिन जाति गत आरक्षण कब तक...?
आरक्षण के नाम आए दिन किसी न किसी राज्य में हड़ताल, रेल-राजमार्ग रोकना, भारत बंद और आगजनी जैसी कई घटनाएँ होती रहती है ।जिससे करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ता है ।
इस पर सरकार ने गंभीरता से विचार-विमर्श करना चाहिए ।यदि जातिगत आरक्षण रहेगा ही नहीं तो नुकसान होगा कैसे ।पडोसी देशों से हमें सीख लेना चाहिए ।
ताकि भारत में आए दिन होने वाली उपद्रवी घटनाओं से बचा जा सके ...!
वोटबैंक का मसौदा तैयार करने वाले इस जातिगत समीकरण का आधार में बदलाव हमें लाना पडेगा ...??
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