काफी लोगों ने अपनी-अपनी अंडे के उपर राय दी है, सत्संग में संतो ने भी अंडे पर प्रवचन दिये हैं । वैज्ञानिक, डाक्टरों तक ने रिसर्च भी की है ।
लेकिन अभी तक सटीक जानकारी नहीं दे पाए,और अंडे को शाकाहारी कहने लगे हैं, जानिए इस तथ्य को हम झूठा साबित करते हैं ...
अंडा शाकाहारी है या मांसाहारी । तो निष्कर्ष हम बता सकते हैं कि यह मांसाहारी की श्रेणी में आयेगा ...वो कैसे ..?
पहला उदाहरण :- आपने कभी देखा होगा या फिर किया भी होगा । जब कभी शादी की बारातियों की बारात निकलतीं है, या हम कहीं यात्रा पर जाते हैं ,तो वाहन के पहले टायर के निचे हम अंडा रखते हैं, ऐसा क्यों ...??
हम चीकू, सेब,बेर इसके अलावा और भी वस्तुओं को रख सकते हैं लेकिन हमनें अंडा ही क्यों चुना ..?? क्योंकि हमारे पूर्वजों की मान्यता है कि कोई नया कार्य या कहीं यात्रा करने से पूर्व टायर के निचे अंडा रखा जाए । वह इसलिए रखा जाता है, ताकि कोई अपवित्र घटना नहीं घटे ।
अब कुछ लोग इसे अंधविश्वास कहेंगे, आपकी बात से सहमत हूँ । लेकिन अंडा बलि का प्रतीक है और हम शुभकार्य से पूर्व अंडे के तौर पर एक बलि देते हैं ,जिससे कोई घटना न घटे ।
दूसरा उदाहरण :- यह है कि अंडा यदि शाकाहारी होता तो उससे बच्चे कैसे जन्म लेते हैं क्या यह संभव हो पाता ..? जैसे चीकू, जामुन, अमरूद भी शाकाहारी है ! तो क्या मुर्गी को उसके ऊपर बिठाने से बच्चे जन्म लेगे ..? तो कभी भी नहीं हो सकता ।
प्रकृति की देन हैं ! जिनके पास कान होते हैं ,वह बच्चे देते हैं और जिनके पास नहीं होते हैं ,वह अंडे देते हैं । जैसे मुर्गी, सांप, डायनासोर, पक्षी इत्यादि ।
तिसरा उदाहरण :- जाहिर सी बात है जब मुर्गी को कान नहीं है तो वह अंडे ही देगीं और उन अंडों से ही नई पीढ़ी का जन्म होगा । तो आप यदि अंडे को फल या शाकाहारी कहेंगे तो वह आपकी अंधश्रद्धा है और कुछ नहीं । तात्पर्य आप एक चीकू और अंडे में फर्क नहीं समझ सकते तो आपका ज्ञान भी व्यर्थ है ।
डाक्टरों व वैज्ञानिक ने रिसर्च किया कि ताजा अंडा शाकाहारी है तो क्या बासी होने के बाद वह मांसाहारी हो जाएगा । अंडों के कुछ दिनों के बाद वह खराब होने क्यों लग जाते हैं वह इसलिए क्योंकि उसमें गर्भ बनने की क्रियाविधियां आरंभ हो जातीं हैं । मात्र शाकाहारी फलों को छोड़कर क्योंकि तुम्हें उसमें इल्लियों को ही देखने को मिलेगा । जैसे जाम,बेर इत्यादी.. ..
आपको काफी उदाहरण देकर निष्कर्ष निकाल दिया है कि अंडे को शाकाहारी कहना आपकी अंधश्रद्धा है । वह कल भी मांसाहारी था और आज भी है और आगे भी रहेगा ।इसमें कोई संदेह नहीं है ।
इसे मोडिफाई ब्राह्मणों और वैज्ञानिकों ने धर्म को भ्रष्ट करने का षड्यंत्र रचा है । जो इतने वर्षों से मांसाहारी था वह अब शाकाहारी कैसे हो गया ..? ब्राह्मणों के धर्म भ्रष्ट करने का ,मोडिफाई तात्पर्य दिखावे के ब्राह्मण, डाक्टरों के झूठ का मायाजाल बुना हुआ प्रतिक है ।
अब आप स्वयं सचेत होकर निष्कर्ष निकालिए डिग्री वाला डाक्टर ,वैज्ञानिक अंडे को शाकाहारी कहता है ,तो उसमें गर्भ की क्रियाविधियां आरंभ क्यों हो जाती है ,कुछ समय पश्चात । मात्र अंडे से बच्चे क्यों ?? शाकाहारी चीकू से क्यों नहीं ।
वैज्ञानिक मात्र दावा करते हैं,क्या यह सच है नहीं ।अपनी दुकान चलाने के लिए कई लोग झूठ को भी सत्य बना ही देते । अब आपके देखना का नजरिया आप पर ही निर्भर करता है ।
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