देश में अभी तक अभिव्यक्ति की आजादी रहे सोशल मीडिया, ओटीटी और न्यूज पोर्टल प्लेटफार्म को सरकारी नियमों का पालन करना पड़ेगा ।केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन शुरू कर दिया है ।इसके तहत अब सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट की शिकायत मिलने पर उसे 24 घंटे के भीतर हटाना होगा ।
भारत की एकता, अखंडता सामाजिक व्यवस्था और दुष्कर्म संबंधित पोस्ट डालने व मैसेज करने वाले पहले व्यक्ति को अपनी पहचान बताना अनिवार्य होगा ।ऐसे मामलों में 5 वर्ष का कारावास भी हो सकता है ।वही ओटीटी प्लेटफार्म पर दर्शकों की तीन श्रेणियाँ बनेगी जिससे डिजीटल मिडिया को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह सेल्फ रेगुलेशन करना पड़ेगा ।
ये नियम तीन माह में लागू होंगे ।गुरुवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर और रमेश पोखिरियाल ने इसकी जानकारी दी ।सोशल साइटों को प्राइवेसी पालिशी और यूजर एग्रीमेंट की जानकारी भी प्रकाशित करना पड़ेगी । सुप्रीमकोर्ट के नोटिस के बाद केंद्र सरकार ने नियम जारी किए ।देश में 53 करोड़ वाट्सएप, 44.8 करोड़ यूट्यूब, 41 करोड़ फेसबुक, 21 करोड़ इंस्टग्राम,1.75 करोड़ ट्विटर युजर है भारत में ।
सोशल मीडिया :-
० सोशल मीडिया कंपनी को आपत्तिजनक पोस्ट, शरारती पोस्ट, भड़काऊँ पोस्ट सबसे पहले किस व्यक्ति ने डाली इसकी जानकारी देनी होगी ।यह व्यवस्था अंखडता, एकता, सुरक्षा और दुष्कर्म जैसे मामलों पर लागू होगी ।
० इसके लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी ।इस अधिकारी को शिकायत कर चौबीस घण्टे के भीतर पोस्ट कंटेंट को हटाना होगा और निपटारा 15 दिन में करना होगा ।
० कंपनी को यूजर को जानकारी देनी होगी उसकी आपत्तिजनक या फेक पोस्ट क्यों हटायी जा रही हैं ।प्लेटफार्म में यूजर रजिस्ट्रेशन का वालंटरी वेरीफिकेशन सिस्टम बनाना होगा ।
ओटीटी व डिजीटल न्यूज :-
० यह सिस्टम तीन श्रेणियाँ में होगा और कंपनी को इसकी जानकारी देनी होगी ।रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है ।
० ओटीटी को पेरेंटल लाक तात्पर्य ऐसी व्यवस्था जिससे अभिभावक बच्चों के लिए अवांछित कंटेंट ब्लाक कर सके ।
० न्यूज पोर्टल के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जैसे व्यक्ति की अध्यक्षता में सरकारी बाडी बनेगी ।यह प्रकाशक को चेतावनी, कंटेंट हटाने जैसे निर्देश दे सकेगी सरकार इंटर डिपार्टमेंट कमेंटी बनाकर निगरानी करेगी ।
० फिल्मों की तरह नेटफिलिक्स, अमेजन जैसे प्लेटफार्म को भी कंटेंट उम्र के लिहाज से तय करना होगा ।इसे 13+,16+ A कैटेगरी में बांटा जाएगा ।
सरकार गाइडलाइन के तीन भाग है :-
पहला :- सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, वाट्सएप पर एक ही बार ओटीपी पासवर्ड डालने के बाद वेरीफिकेशन हो जाता था ।लेकिन अब हमें नए नियम के तहत आईडी प्रूफ मांगा जाएगा ।जिस पर आपको फोन नंबर, आधार नंबर व पता देना पडेगा ।इसके बाद वह किसी भी कलर का टिक मार्क करेगा और कहेगा यह अकाउंट वैरिफाइड है।ऐसा करने से सभी जानकारी फेसबुक के पास आ जाएगी जो किसी युजर के लिए खतरा भी साबित हो सकता है ।यह आपशन अनिवार्य हो सकता है ।
दूसरा :- लोकतंत्र में बोलने लिखने की अभिव्यक्ति की आजादी थीं ।अभी हम सोशल मीडिया पर चुटकुले प्रकाशित करते थे ।पहले लिखा जाता था भोपाल गैस त्रासदी के पिडितो को न्याय नहीं मिला लेकिन अब सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक यह गलत हो सकता है ।तो आपकी रिपोर्ट सोशल मीडिया के माध्यम से लेकर जैसा चाहे उपयोग कर सकते हैं ।
यूट्यूब प्लेटफार्म पर न्यूज चैनल चलाने वाले को भी सरकार को जानकारी देनी होगी कि वह किससे संबंधित न्यूज चैनल चलाते हैं ।
तिसरा :-ओटीटी प्लेटफार्म को सेल्फ रेगुलेटेड करना होगा कि किस उम्र, जाति,वर्ग के लिए कंटेंट दिया जा रहा है ।जिस प्रकार सिगरेट पर चेतावनी लिखीं होतीं हैं उस तरह ।गूगल पर कोई लड़की की फोटो डलती थी तो कई महीनों लगते थे लेकिन शिकायत पर चौबीस घण्टे भीतर हटा दिया जाएगा ।
ओटीटी प्लेटफार्म पर पेरेंटल कंट्रोलर सिस्टम लाना पडेगा जिससे किस उम्र के बच्चों के हिसाब से मूवी और विडियो गेम चले।सरकारी पुलिस भी अब मदद कर सकेगी ।
अब सोच समझकर और संभालकर सोशल मीडिया पर पोस्ट, चुटकुले डालना पड़ेगा नहीं तो शिकायत पर 5 साल कारावास की सजा भी हो सकती है ।
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