हाल ही में देश में 5जी मोबाइल नेटवर्क का ट्रायल शुरू होने जा रहा है । सरकार ने इसके लिए 13 आवेदन स्वीकार कर लिये हैं
इसके लिए टेलिकॉम कंपनीयो को कुछ शर्तों के साथ इसी हफ्ते 700 मेगाहर्टज बैंड में स्पेक्ट्रम जारी किया है । इस मामले में गौर करने वाली बात यह है कि हुवेई और जेडटीई समेत चीन की कोई भी कंपनी इस ट्रायल में हिस्सा नहीं लेंगी ।
क्योंकि फिलहाल सभी कंपनियों के पास स्वयं की 5जी टेक्नोलॉजी नहीं है, बतौर वह इस नई पीढ़ी के मोबाइल नेटवर्क का परीक्षण करने के लिए एक-दूसरे से साझेदारी कर रहीं हैं । मसलन, बीएसएनएल ने इसके लिए सी-डाट और भारती एयरटेल के साथ साझेदारी की है ! वोडाफोन आइडिया ( वी ) और रिलायंस जीयो ने अन्य वेंडरो के साथ साझेदारी की है, जिनमें एरिक्सन और नोकिया शामिल है ।
दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि 5जी ट्रायल के लिए टेलिकॉम कंपनीयो के समक्ष जो शर्तें रखीं गई है, उनमें ग्रामीणों और शहरी क्षेत्रों में इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के मामलों का परीक्षण करना शामिल है ।
कंपनियों को इस दौरान नेटवर्क की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा । कंपनियों को यह चेतावनी भी दी गई है कि वह ट्रायल के लिए दिए गए स्प्रेक्टम का कर्मिशियल इस्तेमाल न करें ।
अधिकारियों के मुताबिक किसी भी शर्त का उल्लंघन करने वाली कंपनी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी । ट्रायल के बाद सर्विस की कर्मिशियल शुरुआत करने की रणनीति बनाई जाएगी ।
देखा जाए तो 5जी में भारत काफी पीछे है जानिए 👉
* 34 देशों के 378 शहरों में 5जी नेटवर्क उपलब्ध है और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है ।
* अभी दक्षिण कोरिया में सबसे ज्यादा 85 शहरों में 5जी नेटवर्क है । चीन के 57 शहरों में, ब्रिटेन के 31 शहरों में और अमेरिका के 50 शहरों में 5जी नेटवर्क उपलब्ध है ।
5जी नेटवर्क से क्या बदलाव होगे जानिए विस्तार से 👉
१ फैक्ट्रियों के साथ स्पलायर और ग्राहकों के साथ रियल टाइम कनेक्टविटी मिलेगी ।
२ डेलायट के मुताबिक 👉 इस टेक्नोलॉजी से भारत में डिजीटल क्रांति की रफ्तार और बढ जाएंगी ।
३ स्मार्ट सिटी, वर्चुअल बैंकिंग, और रिमोट मेडिसिन जैसे कांसेप्ट जमीन पर लाना आसान हो जाएंगे ।
४ भारत में 4के और 8के कंटेट स्ट्रिमिंग सब्सक्रिप्शन और बिग डेटा एनालिटिक्स बढेगा ।
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